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कंपनियों की आय पर 2-3 तिमाहियों तक असर

neeraj dewanनीरज दीवान
निदेशक, क्वांटम सिक्योरिटीज
बाजार की भविष्य की दिशा इस बात से तय होगी कि नोटबंदी की अवधि पूरी होने के बाद कैसी स्थिति उभरती है और बजट में क्या सामने आता है।

इस समय बाजार की प्रमुख चिंताओं में सरकारी नीतियाँ और अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि की गति शामिल हैं। वहीं भारत में ब्याज दरें नीचे आना और बैंकों के पास अच्छी नकदी तरलता होना सकारात्मक है। साथ ही कमोडिटी भाव भी नीचे रहना अच्छा है। हालाँकि नोटबंदी के चलते विकास दर और कंपनियों की आय पर 2-3 तिमाहियों तक नकारात्मक असर होगा। इस साल की तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय में 0-5% तक की धीमी वृद्धि हो सकती है। चौथी तिमाही भी बुरी रह सकती है।
मेरा मानना है कि छह महीने में सेंसेक्स 27,500 और निफ्टी 8,500 पर रह सकते हैं। साल भर में सेंसेक्स 29,000 और निफ्टी 8,900 पर होने की उम्मीद है। निफ्टी का साल 2017 का दायरा ऊपर 8,900 और नीचे 7,800 के बीच रह सकता है। सेंसेक्स फिर से 30,000 पर पहुँचने में 2018 तक का समय ले सकता है।
इस साल के लिए ऑटो, कैपिटल गुड्स, बुनियादी ढाँचा और वित्तीय क्षेत्र बाजार से तेज चलने की उम्मीद है, जबकि दूसरी ओर दवा क्षेत्र धीमा रहेगा। इस साल के लिए मेरे पाँच सबसे पसंदीदा शेयर हैं मारुति, एलऐंडटी, बजाज फाइनेंस, इक्विटास और प्राज इंडस्ट्रीज। (शेयर मंथन, 04 जनवरी 2017)

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