कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता रहने की संभावना है, जबकि ओपेक की आज होने वाली बैठक के फैसले से कीमतों को मदद मिल सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,670 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 3,570 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ओपेक की माँग अनुमान में कटौती और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार बाजार में भी अधिक आपूर्ति की स्थिति के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,900 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,820 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,560 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,480 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ओपेक और उसके सहयोगियों द्वारा अप्रैल में आपूर्ति बढ़ाने के लिए तैयार नहीं होने के कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है क्योंकि उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण माँग में अधिक सुधार का इंतजार करना पसंद किया।
कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,980 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,770 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी राजकोषीय प्रोत्साहन सौदे को लेकर बढ़ती उम्मीदों और चीन और भारत में रिफाइनिंग के लिए रिकॉर्ड-तोड़ माँग के कारण कच्चे तेल की कीमतें 9 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं।
कई देशों के महामारी से उबरने के बाद तेल की माँग में बढ़ोतरी को देखते हुये ओपेक द्वारा अधिक तेल उत्पादन किये जाने की संभावना से कच्चे तेल की कीमतों में मई के बाद से सबसे अधिक साप्ताहिक गिरावट हुई हैं।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,830 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 4,740 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतें पिछले तीन हफ्तों से एक दायरे में कारोबार कर रही है क्योंकि निवेशकों की नजर आपूर्ति और माँग के फंडामेंटल के बदलने के संकेत पर टिकी हुई है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,550 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,460 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना हैं जहाँ निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है। कीमतों को 5,730 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,650 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
मेक्सिको की अमेरिकी खाड़ी में तूफान से पहले कर्मचारियों के रिगों के खाली करने से और सऊदी अरब एवं नॉर्वे से आपूर्ति में कटौती की संभावना से कच्चे तेल की की कीमतें 45 डॉलर की ओर अग्रसर है।
टेक्सास में भारी ठंडे तूफान से अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन कुछ दिनों या यहाँ तक कि सप्ताह के लिए बाधित होने की आशंका से हुई खरीदारी के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है जबकि ओपेक प्लस को तेल आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद थी।
कमजोर होते डॉलर और शेयर बाजारों में बढ़ोतरी से कच्चे तेल की कीमतों को मिलने वाली मदद की भरपायी गैसोलीन भंडार में बड़ी वृद्धि और महामारी से पहले के स्तर की तुलना में माँग में कमी से होने के कारण कीमतें किसी स्पष्ट रुझान के लिए संघर्ष कर रही हैं।
2018 में चांदी का कारोबार सोने के नक्शेकदम पर हुआ, क्योंकि चांदी की कीमतों के लिए सोना प्रमुख संकेतक है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!