कच्चे तेल की कीमतें पिछले तीन हफ्तों से एक दायरे में कारोबार कर रही है क्योंकि निवेशकों की नजर आपूर्ति और माँग के फंडामेंटल के बदलने के संकेत पर टिकी हुई है।
सऊदी अरब से तेल की आपूर्ति में कमी और अमेरिकी तेल भंडार में कमी से ईंधन की माँग में कमी की भरपायी हुई और कीमतों पर से दबाव को कम करने में मदद मिली। ईंधन की माँग वैक्सीन रोलआउट के बाधित होने और नये कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण धीमी हो गयी है। कारोबारी तेल बाजार में अगली गिरावट का इंतजार कर रहे हैं। यहाँ तक कि बाजार को अक्सर चलाने वाले चालक के रूप में मद्रा प्रभाव भी अमेरिकी डॉलर के साथ समाप्त हो गया है, जो मौजदा स्तरों पर बहुत स्थिर है। सऊदी अरब फरवरी और मार्च में तेल उत्पादन में प्रति दिन 1 मिलियन बैरल कटौती करने के लिए तैयार है और ओपेक प्लस नामक पेट्रोलियम नियार्तक देशों और सहयोगियों के सगंठन द्वारा जनवरी में तेल उत्पादन में कटौती का अनुपालन बेहतर हो गया है। पिछले सप्ताह अमेरिकी तेल भंडार में 9.9 मिलियन बैरल की गिरावट हुई है और फरवरी में अमेरिकी तेल उत्पादन में थोड़ी गिरावट के पूर्वानुमान से भी तेल बाजार को मदद मिल रही हैं। इस हफ्तें में, कच्चे तेल की कीमतें 3,680-4,090 रुपये के दायरे में भारी उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी और रुकावट स्तर पर बिकवाली की जा सकती है।
अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतें सप्ताह के निचले स्तर से 6% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है और 50 दिनों ईएमए के ऊपर कारोबार कर रहा है। सप्ताह के अंत में और संभाव: फरवरी के पहले सप्ताह में ठंडे मौसम के अनुमान को देखते हुये निकट अवधि हीटिंग के लिए माँग में उछाल की उम्मीद है। इस सप्ताह की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने उम्मीद कर सकती है जहाँ कीमतों को 175 रुपये के पास सहारा और 210 रुपये के पास बाधा रह सकती है। (शेयर मंथन, 01 फरवरी 2021)