कई देशों के महामारी से उबरने के बाद तेल की माँग में बढ़ोतरी को देखते हुये ओपेक द्वारा अधिक तेल उत्पादन किये जाने की संभावना से कच्चे तेल की कीमतों में मई के बाद से सबसे अधिक साप्ताहिक गिरावट हुई हैं।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन, रूस और अन्य उत्पादकों, ओपेक प्लस नामक समूह के भीतर आपूर्ति नीति पर चर्चा इस महीने बिना समझौते के तब समाप्त हो गयी, जब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अप्रैल 2022 से आगे उत्पादन नीति का विस्तार करने पर आपत्ति जताई थी। लेकिन सऊदी अरब और यूएई अब एक समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है जो बाजार में अधिक आपूर्ति की अनुमति देगा। ओपेक ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि अमेरिका, चीन और भारत में माँग में वृद्धि के कारण दुनिया में तेल की माँग अगले साल लगभग 100 मिलियन बैरल प्रति दिन तक बढ़ जायेगी। रिपोर्ट के अनुसार जून में ओपेक का उत्पादन 5,90,000 बैरल प्रति दिन बढ़कर 26.03 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया। जुलाई में बढ़े कोटा के कारण उत्पादन में आरै वृद्धि हाने चाहिये। इस सप्ताह में कच्चे तले की कीमतों अधिक अस्थिरता आरै नरमी के रुझान के साथ 5,120-5,780 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
नेचुरल गैसे के भंडार में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी और अगले दो हफ्तों में कम गर्म मौसम के पूर्वनुमान से एयर कंडीशिनिंग के लिए अनुमान से कम माँग की संभावना से कीमतों गिरावट में हुई। कीमत में गिरावट संघीय रिपोर्ट पहले हुई थी, जिससे पिछले हफ्ते भंडार में सामान्य से कम बढ़ोतरी की उम्मीद थी, क्योंकि जब उत्पादन कम था और निर्यात बढ़ रहा था। रिफिनिटव के अनुसार निचले 48 राज्यों में अमेरिकी उत्पादन जुलाई में अब तक 91.3 बिलियन क्यूबिक फीट प्रति दिन तक कम हो गया है जो वेस्ट वार्जीनिया में पाइपलाइन की समस्याओं के कारण हुआ है। इस सप्ताह कीमतें मिले-जुले रुझान के साथ 245-280 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 28 जुलाई 2021)