कच्चे तले की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना कीमतों के 8,520-8,910 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 8,570-8,720 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 8,670-8,915 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 8,920-9,310 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिकी आर्थिक आँकड़ों और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी एवं ओपेक की ओर से अधिक माँग के अनुमान के बाद तेल की कीमतें लगभग एक महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रही है जबकि अर्थव्यवस्थाओं का कोविड-19 महामारी से उबरना शुरू हो गया है।
कच्चे तेल में उच्च स्तर पर बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 4,840 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,760 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल में उच्च स्तर पर बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 5,120 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,040 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
तेल की कीमतें 2,780-3,200 रुपये की एक बड़े दायरे में कारोबार करना जारी रख सकती हैं, जहाँ उच्च स्तर बिकवाली देखी जा सकती है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और बढ़ती आपूर्ति के कारण माँग में बढ़ोतरी को लेकर संदेह बना हुआ है।
कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना हैं और कीमतों को 5,120 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,040 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में उच्च स्तर से बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 4,700 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 4,580 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,050 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 2,920 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,860 के स्तर पर अड़चन के साथ 2,710 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता की धीमी गति के साथ-साथ ओपेक और सहयोगियों द्वारा आपूर्ति को धीरे-धीरे बहाल करने की योजना पर टिके रहने के फैसले से कच्चे तेल की कीमतें एक साल से अधिक समय के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा सकती है। कीमतों को 5,470 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,390 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी कच्चे तेल की आपूर्ति के नवीनतम आँकड़ों के जारी होने से पहले और इस सप्ताह की ओपेक प्लस की बैठक पर व्यापारियों का ध्यान केंद्रित होने के कारण, कीमतें 6,428 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद लगातार दूसरे साप्ताहिक गिरावट की अग्रसर है।
अमेरिकी नेतृत्व में प्रमुख उपभोक्ताओं की ओर कच्चे तेल का भंडार का जारी करने के बाद पहली तिमाही में वैश्विक स्तर पर आपूर्ति अधिशेष बढ़ने की चिंताओं और एक नये कोविड-19 संस्करण के प्रसार से निवेशकों के बीच भय से तेल की कीमतों में 4% से अधिक की गिरावट हुई।
अगस्त के अंत के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में सबसे अधिक साप्ताहिक बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि वैश्विक विकास और ईंधन की माँग पर ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के असर की चिंताओं के कम होने से कीमतों को मदद मिली।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना हैं और कीमतों को 3,040 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,780 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
Page 21 of 164
यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!