कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 8,920-9,310 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिका द्वारा रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध पर विचार करने और वैश्विक खरीदारों को यूक्रेन युद्ध को लेकर अपने आयात से दूर रहने के प्रस्ताव से आज तेल की कीमतें 120 डॉलर से ऊपर पहुँच गयी हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका यूरोपीश सहयोगियों की भागीदारी के बिना रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। रूस के कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार जर्मनी ने ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध लगाने की योजना को खारिज कर दिया है। यूरोप कच्चे तेल और नेचुरल गैस के लिए रूस पर निर्भर है लेकिन रूसी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के विचार के लिए अधिक विकल्प खोले हुये है। संयुक्त राज्य अमेरिका रूसी कच्चे तेल और उत्पादों पर बहुत कम निर्भर करता है, लेकिन प्रतिबंध से कीमतों को बढ़ाने में मदद मिलेगी और अमेरिकी उपभोक्ताओं को पहले से ही गैस की बढ़ती कीमतों से परेशानी हो रही है। लीबिया के नेशनल ऑयल कॉरपोरेशन (एनओसी) ने रविवार को कहा है कि एल फील और शरारा तेल क्षेत्रों के बंद होने से 3,30,000 बैरल प्रति दिन का नुकसान हुआ है जो 2021 में इसके उत्पादन का 25% से अधिक है। 2015 में विश्व शक्तियों के साथ ईरान का हुआ परमाणु समझौता रविवार को अनिश्चितता में फंस गया क्योंकि रूस ने इस बात की गारंटी की माँग की है कि यूक्रेन संघर्ष पर प्रतिबंधें के कारण तेहरान के साथ उसके व्यापार को नुकसान नहीं पहुँचाया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक चीन ने भी नयी माँगें उठाई हैं। दूसरी ओर अमेरिका और वेनेजुएला के अधिकारियों ने वेनेजुएला पर तेल प्रतिबंधें में ढील देने की संभावना पर चर्चा की, लेकिन वर्षों में अपनी पहली उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता में सौदे की दिशा में बहुत कम प्रगति हुई।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 365 रुपये के स्तर पर सहारा और 380 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 08 मार्च 2022)