मौजूदा सीजन में अधिक बुआई की खबरों से सोयाबीन वायदा (अगस्त) के दामों में नरमी के रुझान के बीच इसकी कीमतें 3,330 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और शुरुआती अनुमानों से पता चलता है कि मौजूदा खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई पिछले वर्ष के 10.5 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में 4% अधिक क्षेत्र में होने की संभावना है। मौजूदा सीजन में 13 जुलाई तक भारतीय किसानों ने लगभग 76.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई की है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 73.87 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।
वहीं कम आपूर्ति के कारण सरसों वायदा (अगस्त) की कीमतों में 4,250-4,280 रुपये तक तेजी बरकरार रह सकती है। प्रतिदिन की माँग को पूरा करने के लिए लगभग 2 लाख बैग सरसों की आपूर्ति की आवश्यकता है, लेकिन स्टॉकिस्टों की ओर से धीमी बिकवाली के कारण ऐसा नही हो रहा है। पेराई के लिए भी सरसों की अधिक माँग और सोयामील की निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण सरसों की कीमतों को मदद मिल सकती है। नाफेड द्वारा सरसों की अधिक खरीदारी भी कीमतों में तेजी का अहम कारण है। सरकारी एजेंसी द्वारा जब तक स्टॉक को रोक कर रखा जायेगा तब तक कीमतों को मदद मिलती रह सकती है।
इसके अलावा सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों में 600 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, मलेशियन पॉम ऑयल वायदा में तेजी एक दायरे में सिमट गयी है, क्योंकि भारत एवं चीन जैसे देशों से कम माँग हो रही है। कारोबारी 25 जुलाई को कार्गेो सर्वेयर द्वारा जारी होने वाले निर्यात आँकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 24 जुलाई 2018)
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