प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम बारिश होने से हल्दी की बुआई बाधित होने की खबरों के कारण हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
हल्दी की कीमतें 7,500-7,550 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। वारांगल और क्षेमसमुद्रम के किसान अभी भी बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच कई वर्षो से सूखे के कारण सलेम और इरोद की मिट्टी में नमी समाप्त हो गयी है। अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश नही होती है तो अन्य राज्यों में हल्दी के उत्पादन में बढ़ोतरी संभव नही है।
उधर जीरे के अन्य उत्पादक देशों में कम उपलब्धता के बाद लगातार निर्यात माँग के कारण जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतें 20,000 रुपये की ऊंचाई पर पहुँच सकती हैं। कारोबारियों के अनुसार चीन, बांग्लादेश और ताइवान की ओर से बेहतर निर्यात माँग की खबरें हैं। इसके अलावा, तुर्की और सीरिया में बारिश से जीरे की फसल को नुकसान हुआ है, जिससे वे विश्व बाजार में जीरे की आपूर्ति करने में सक्षम नही हैं।
इसके अलावा इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,200 रपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। केरल के कृषि विभाग के अनुसार इडुक्की में भारी बारिश के कारण लगभग 1,337.60 हेक्टर की फसल को नुकसान हुआ है। वहीं केरल के वंदनमेडू और तमिलनाडु के बोदीकयानूर के नीलामी केन्द्रों पर इलायची की नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है। नयी फसल की क्वालिटी औसत है और बड़ी इलायची की आवक अभी शुरू नही हुई है। (शेयर मंथन, 24 जुलाई 2018)
Add comment