हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के 7,300-7,420 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में कम आवक और बेहतर कारोबार के कारण हल्दी की कीमतों में तेजी का रुझान है। महाराष्ट्र में हल्दी की बुआई रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच सकती है, क्योंकि पिछले वर्ष में किसानों को अन्य फसलों की तुलना में हल्दी से अधिक लाभ हुआ है। इस बीच कई वर्षो से सूखे के कारण सलेम और इरोद की मिट्टी में नमी समाप्त हो गयी है। अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश नही होती है तो अन्य राज्यों में हल्दी के उत्पादन में बढ़ोतरी संभव नही है।
वहीं जीरे के अन्य उत्पादक देशों में कम उपलब्धता के बाद लगातार निर्यात माँग के कारण जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतें 20,000 रुपये की ऊचाई पर पहुँच सकती हैं। कारोबारियों के अनुसार चीन, बांग्लादेश और ताइवान की ओर से बेहतर निर्यात माँग की खबरें हैं। इसके अलावा तुर्की और सीरिया में बारिश से जीरे की फसल को नुकसान हुआ है, जिसके कारण वे विश्व बाजार में जीरे की आपूर्ति करने में सक्षम नही हैं।
वहीं इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों के 1140-1190 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। केरल के कृषि विभाग के अनुसार इडुक्की में भारी बारिश के कारण लगभग 1337.60 हेक्टेयर की फसल को नुकसान हुआ है। इस बीच केरल के वंदनमेडू और तमिलनाडु के बोदीकयानूर के नीलामी केन्द्रों पर इलायची की नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है। नयी फसल की क्वालिटी औसत है और बड़ी इलायची की आवक अभी शुरू नही हुई है। (शेयर मंथन, 25 जुलाई 2018)
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