सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) में निचले स्तर से वापसी दर्ज की जा सकती है और कीमतें 3,250 रुपये के नजदीक सहारा स्तर से 3,300-3,330 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं।
मौजूदा खरीफ सीजन (2018-19) में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्रों पिछले वर्ष की तुलना में 6.1% बढ़ा है, लेकिन सबसे अधिक उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में कम उत्पादन अनुमान से कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी किये गये चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2017-18 (जुलाई-जून) में मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 20% की गिरावट के साथ 5.3 मिलियन टन होने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि आगामी सीजन में आगामी सीजन में कैरी ओवर स्टॉक अनुमान से कम रह सकता है और इससे तिलहन की कीमतों को मदद मिल सकती है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,965-4,025 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मिलों की ओर से कम माँग के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में सरसों की कीमतों में नरमी के साथ कारोबार हो रहा है। इसके अतिरिक्त सरसों तेल और सरसों केक की कम माँग के कारण कीमतों में गिरावट होने से सरसों की पेराई मार्जिन काफी कम हो गयी है। निकट भविष्य में यदि सरसों तेल और सरसों केक की माँग में बढ़ोतरी नही होती है तो पेराई आगे भी कम हो सकती है।
सोया तेल (सितंबर) वायदा की कीमतों के 738-745 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। छिट-पुट माँग के मुकाबले पर्याप्त स्टॉक के कारण तेल की कीमतें काफी कम दायरे में कारोबार कर रही हैं। कमजोर वैश्विक रुझानों को देखते हुए कारोबारी कोई नया करार करने से दूरी बनाये हुए है और इंतजार कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 04 सितंबर 2018)
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