सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,225-3,285 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
मगर इसकी कीमतों की नरमी पर रोक लगी रह सकती है। सबसे अधिक उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन की फसलों पर कीटों के प्रकोप से फसल नुकसान का खतरा मंडराने लगा है, जिससे देखते हुए विक्रेता सतर्क हो सकते हैं। कहीं-कहीं कीटों का प्रकोप काफी अधिक हो गया है। वर्तमान समय में नम मौसम के कारण कीटों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,285 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। सरसों मील निर्यातकों की ओर से अधिक माँग और सरसों तेल की अधिक खरीदारी के कारण इस महीने सरसों की अधिक पेराई होने की संभावना है। सामान्यत: मॉनसून सीजन के दौरान सरसों तेल की माँग बढ़ जाती है।
सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 735-732 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान पर सीपीओ (अक्टूबर) वायदा की कीमतें 592 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूट सकती है और 590-588 रुपये तक गिरावट हो सकती है। सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन के रिकॉर्ड उत्पादन अनुमान के कारण सीबोट में सोया तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। एनर्जी की कीमतों में गिरावट से भी बायो डीजल के रूप में वनस्पति तेलों की माँग कम होने की आशंका से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। घरेलू बाजार में वित्त मंत्रालय द्वारा रुपये की अनावश्यक गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाये जाने के बयान के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से 51 पैसे मजबूत होने से भी खाद्य तेलों की कीमतों पर दबाव पड़ा। (शेयर मंथन, 14 सितंबर 2018)
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