हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है।
हल्दी की कीमतों को 6,675-6,765 के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। घरेलू और स्थानीय माँग के कमजोर होने के कारण इरोद की मंडियों में हाजिर कीमतों में गिरावट हो रही है। इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड और रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है, लेकिन इरोद को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में रूट वेराइटी की कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है और रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में रूट वेराइटी की कीमतों में 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 20,200-20,300 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। चीन और बांग्लादेश भारत से छिटपुट आयात कर रहे हैं। वियतनाम द्वारा भी आयात किया जा रहा है। सीरिया और तुर्की जैसे देशों में इस वर्ष खराब मौसम के कारण जीरे की आपूर्ति कम होने के कारण भारत का जीरा निर्यात पर एकाधिकार है। भारतीय रुपये के कमजोर होने से निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है।
इलायची वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 1,365 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है और कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रहने की उम्मीद है। पिछले कुछ महीने से केरल में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण फसल को नुकसान होने से आगामी दिनों में इलायची की उपलब्धता कम हो सकती है। (शेयर मंथन, 19 सितंबर 2018)
Add comment