निचले स्तर पर खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 3,345 रुपये तक तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
सोयामील की माँग काफी कम होने से पेराई मिलें अपनी क्षमता का केवल 80-82% ही पेराई कर रहे हैं। सोयामील की कीमतें 27,000-27,500 रुपये प्रति टन के दायरे में हैं, जबकि आगामी महीनों के लिए सोयामील की कीमतें 25,000-25,700 रुपये प्रति टन के दायरे में हैं।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 4,260 रुपये के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। बेंचमार्क जयपुर बाजार में आवक में बढ़ोतरी के कारण सरसों, सरसों तेल और सरसों केक की कीमतों में गिरावट हुई है। सरसों केक की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी के बाद माँग कम हो गयी है। सरसों की कुल आवक 2 लाख बैग की हुई है। जयपुर में सरसों की कीमतें 5 रुपये की गिरावट के साथ 4,365-4,370 रुपये के दायरे में कारोबार कर रही है। सरसों तेल और सरसों केक की अधिक कीमतों पर सरसों तेल और सरसों केक की माँग में गिरावट हो रही है, जिससे कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 730 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त दर्ज करने की संभावना है। वहीं सीपीओ (सितंबर) वायदा की कीमतें 592-598 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के कमजोर होने से निवेशक निराश है, क्योंकि इससे आयात महँगा हो रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया 47 पैसे कमजोर होकर 72.98 के स्तर पर लुढ़क गया है। (शेयर मंथन, 19 सितंबर 2018)
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