हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है।
हल्दी की कीमतें 6,775-6,800 रुपये तक पहुँच सकती है। हाजिर बाजारों में सेंटीमेंट कमजोर है और कीमतों में स्थिरता है। कम होती आवक के कारण कीमतों की गिरावट पर रोक लगी है। हाजिर बाजारों में रोजाना आवक कम होकर 12 से 15 हजार बैग हो गयी है। आवक धीरे-धीरे कम हो रही है, जिससे हल्दी की कीमतों को मदद मिल सकती है।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 18,715-19,345 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आगामी त्योहारी माँग के कारण खपत में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है और कारोबारी अधिक कीमतों पर भी खरीदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही मंडियों में आवक कम हो गयी है, जिससे कीमतों को मदद मिल रही है।
इलायची वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 1,390 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। अधिक निर्यात माँग और 2018-19 में कम उत्पादन अनुमान और अधिक माँग के कारण इलायची की कीमतें 18 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं, लेकिन कीमतों में अभी भी बढ़ोतरी की संभावना है। केरल में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसल को नुकसन होने के कारण इलायची का कुल उत्पादन केवल 12,000-15,000 रुपये टन होने का अनुमान है। इडुक्की के नीलामी केन्द्र पर इलायची की कीमतें अधिक हो गयी हैं। कारोबारियों को कुल उत्पादन में 60% से अधिक की गिरावट होने का अनुमान है। शेयर मंथन, 26 सितंबर 2018)
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