हाजिर बाजारों में बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (मई) की कीमतों में 7,000 रुपये तक तेजी बरकरार रहने की संभावना है।
मरियाम्मन त्योहार के कारण नौ दिनों तक बंद रहने के बाद इरोद बाजार सोमवार को खुल गया। कई कारोबारियों को कम आवक की उम्मीद थी, लेकिन किसान 4,000 बैग बाजार में लाये। खरीदारों ने क्वालिटी को देखते हुए अधिक कीमतों पर खरीदारी की और 60% से अधिक की खरीदारी कर ली। उत्तर भारत के कारोबारियों की ओर से नयी माँग के कारण खरीदारी हुई है।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों के 16,300 रुपये के अड़चन स्तर को पार कर जाने की संभावना है और कीमतों में 16,500 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। पिछले हफ्ते कारोबारियों ने नयी फसल की अच्छी क्वालिटी की बेहतर माँग को देखते हुए अपने पोजिशन में बढ़ोतरी की है। इस कारण अधिक आवक के बावजूद कीमतों में गिरावट नही हो रही है और बाजारों में बेहतर खरीदारी हो रही है। विदेशी खरीदारों की ओर से अधिक खरीदारी नही हो रही है क्योंकि वे मई और जून में तुर्की और सीरिया से होने वाली नयी फसल की आवक का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन घरेलू बाजार में उम्मीद है कि इन देशों में कम उत्पादन के कारण भारतीय जीरे की निर्यात माँग में वृद्धि होगी और इस कारण कीमतों में तेजी आयेगी। तब तक घरेलू माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों को 7,150 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। ऐसा हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्टों द्वारा अच्छी क्वालिटी की धनिया की भारी खरीदारी के कारण हुआ। इसके अतिरिक्त निर्यात माँग के कारण भी कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2019)
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