घरेलू और विदेशी माँग में सुस्ती के कारण हाजिर बाजारों में नरमी के रुख पर हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतों में 6,700 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
गुजरात के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में अच्छी वर्षा, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है, और निर्यात के लिए कमजोर के कारण जीरा की कीमतों में नरमी का रुझान है। गुजरात में हाल ही में अच्छी बारिश हुई है और बांध में जल स्तर काफी बढ़ गया है। यह किसानों को अधिक क्षेत्रों पर जीरा की खेती करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे जीरा की कीमतों में कमी आने की संभावना है।
जीरा के बेंचमार्क हाजिर बाजार ऊँझा में कीमतों में नरमी बनी हुई है और कीमतें 17,500 रुपये के आस-पास कारोबार कर रही हैं। हाजिर बाजारों से नरमी के संकेत मिलने के कारण सितंबर कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें यदि 16,720 रुपये के स्तर से नीचे टूटती हैं तो 16,800-16,700 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती हैं।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों में नरमी का रुझान के साथ 5,900-5,850 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। राजस्थान के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश से अधिक नमी की मात्रा होने से माँग में कमी के कारण हाजिर कीमतों पर दबाव है।
इलायची वायदा (सितंबर) कीमतों को 2,900 रुपये के नजदीक सहारा रहने की उम्मीद है। केरल में इलायची की खड़ी फसल को नुकसान से बाजार में तेजी के सेंटीमेंट को बढ़ावा मिला। कर्नाटक अपनी इलायची का 80% से अधिक केरल से आयात करता है, मुख्य रुप से इडुक्की और कोट्टयम जिलों से, लेकिन दोनों इस साल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे स्टॉक में गिरावट आयी है। त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ माँग बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि मिठाइयों में इसकी जरूरत होती है। (शेयर मंथन, 26 अगस्त 2019)
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