सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों के 3,920-4,000 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
फसल के नुकसान की खबर ने घरेलू बाजार में कीमतों को बढ़ावा दिया है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अनुमान है कि मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण 10-12% फसल क्षति की आशंका है। नुकसान ज्यादातर अचानक बहुत भारी बारिश और तापमान में भिन्नता के कारण होता है, जिससे कीटों द्वारा बड़े पैमाने पर हमले के लिए जन्मजात वातावरण बन जाता है। प्लांट डिलीवरी के लिए सोयाबीन की कीमतें भी बढ़कर 3,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के 5,320-5,400 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में सरसों की कीमतों में वृद्धि जारी है और उत्पादक राज्यों राजस्थान और उत्तर प्रदेश के हाजिर बाजारों में इसके तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है। सरसों की कीमतें 55 रुपये बढ़कर 5,500 प्रति क्विंटल के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गयी है। सरसों का तेल भी 10 रुपये बढ़कर 110 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
सोया तेल (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 875-885 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ (सितंबर) की कीमतों 755-765 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सीबीओटी पर, हाल ही में तेजी के बाद अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतें कल एक दायरे में रही क्योंकि आगामी उत्पादन के अनुमान को लेकर सवाल बना हुआ है। सोयाबीन तेल और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतें कल लगभग एक महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में नवंबर डिलीवरी के लिए बेंचमार्क पॉम तेल वायदा 58 रिंगिट, या 2.12% बढ़कर 2,796 रिंगिट प्रति टन हो गया है जो 4 अगस्त के बाद से उच्चतम है। (शेयर मंथन, 02 सितंबर 2020)
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