हाजिर बाजारों में नरमी क रुझानों के कारण हल्दी वायदा की कीमतों में 5,950 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
कल हल्दी का दूसरा सीजन शुरू हुआ। अगले सप्ताह में आवक में बढ़ोतरी होगी और साथ ही कीमत भी नीचे जा सकती है। व्यापारी अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर भारत में बारिश के कारण वहाँ से हल्दी की माँग अभी कम है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,119-6,329 प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,,629-5,639 रुपये के दायरे में रही। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों 5,297-5,899 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,891-5,769 रुपये के दायरे में रही।
जीरा वायदा (सितम्बर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 14,140-14,340 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कारोबारियों के अनुसार, हाजिर बाजारों में माँग काफी कमजोर है और स्टॉकिस्ट फिलहाल बाजार से बाहर हैं। मसाला निर्माताओं और निर्यातकों द्वारा सीमित खरीदारी हो रही है। अभी तक कम कीमतों के पीछे एक और कारण आपूर्ति में नमी का होना है। इस प्रकार खरीदार घटिया क्वालिटी खरीदने में रुचि नहीं रखते हैं। लेकिन कारोबारियों को बेहतर माँग की आशा है कि परिस्थितियां अनुकूल हैं।
धनिया वायदा (सितम्बर) की कीमतों को 6,800 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में गिरावट सीमित रह सकती है। हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान के रामगंज और बारां मंडियों के फिर से खुलने के बाद सुस्त कारोबार हो रहा है। राजकोट मंडी में धनिया की 800 बोरियों की आवक दर्ज की गयी। बादामी किस्म का भाव 1,170-1,250 रुपये और ईगल की किस्म 1,200-1,285 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही। (शेयर मंथन, 02 सितंबर 2020)
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