कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 17,700-17,850 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
पिछले सत्रा में जोरदार तेजी के बाद महाराष्ट्र में कपास की कीमतें आमतौर पर स्थिर रही। राज्य में कपास की 2,500 बेल की आवक दर्ज की गयी, जबकि कीमतें 4,450-4,800 रुपये थी। मध्य प्रदेश कपास की कीमतें राज्य में औसत कारोबार के कारण अपरिवर्तित थीं। उत्तर भारत के कमजोर संकेतों और सुस्त माँग के कारण गुजरात में कपास की चयनित किस्मों की कीमतें 200 रुपये प्रति कैंडी कम हो गयी। राज्य में 1,200 बेल कपास की आवक हुई। 29 मिमी संकर-6 कपास की कीमतों 35,800-36,000 रुपये और 28.5 प्लस मिमी कपास की कीमतों 34,800-35,000 रुपये प्रति कैंडी थी जबकि 28 मिमी की कीमत 200 रुपये कम होकर 33,000-33,300 रुपये प्रति कैंडी हो गयी।
ग्वारसीड वायदा (सितंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,910 रुपये तक लुढ़क सकती है, जबकि ग्वारगम वायदा (सितंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 6,150 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। राजस्थान और हरियाणा के बाजारों में ग्वारगम कॉम्प्लेक्स की कीमतों में गिरावट देखी गयी है क्योंकि खरीदार थोक खरीद के लिए अनिच्छुक थे। ग्वारसीड की कीमतों में 20 रुपये प्रति क्विंटल की और ग्वारगम की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। कीमतों में गिरावट के लिए व्यापारियों ने जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर में अच्छी बारिश के लिए जिम्मेदार ठहराया।
चना वायदा (सितंबर) की कीमतें अपने तेजी को जारी रखते हुये 4,970-5,050 रुपये के स्तर की ओर बढ़ सकती है। इंदौर की मंडियों में अधिकांश दालों की माँग में तेजी देखी गयी है। लॉकडाउन मानदंडों में ढील के साथ माँग में धीरे-धीरे सुधर होने से विशेष रूप से लंबे त्यौहारी सीजन की शुरुआत को देखते हुये दालों की माँग को बढ़ावा मिलेगा। जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं जबकि होटल अपने व्यवसाय को फिर से शुरू कर रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में भी माँग बढ़ सकती हैं। (शेयर मंथन, 02 सितंबर 2020)
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