हाजिर बाजारों में नरमी क रुझानों के कारण हल्दी वायदा की कीमतों में 5,950-5,900 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
कल हल्दी का दूसरा सीजन शुरू हुआ। अगले सप्ताह में आवक में बढ़ोतरी होगी और साथ ही कीमत भी नीचे जा सकती है। व्यापारी अच्छी गुणवत्ता वाली हल्दी का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर भारत में बारिश के कारण वहाँ से हल्दी की माँग अभी कम है। इरोड हल्दी मर्चेंट्स एसोसिएशन की बिक्री यार्ड में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमत 5,199-6,299 प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,,659-5,724 रुपये के दायरे में रही। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों 4,899-6,050 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की 4,599-5,989 रुपये के दायरे में रही।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 14,000-14,200 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कारोबारियों के अनुसार, हाजिर बाजारों में माँग काफी कमजोर है और स्टॉकिस्ट फिलहाल बाजार से बाहर हैं। मसाला निर्माताओं और निर्यातकों द्वारा सीमित खरीदारी हो रही है। गुजरात के ऊंझा मंडी में सुस्त माँग के कारण हाजिर जीरा की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी, जबकि राजकोट में कीमतें लगातार तीसरे कारोबारी सत्रा में कम हो गयी। इस बीच राजकोट मंडी में लगभग 1,500 बैग की आवक हुई है और कीमतों में 10 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की गिरावट हुई है। इस हफ्ते कीमतें 50 रुपये प्रति 20 किलोग्राम तक गिर गयी।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 6,700-6,900 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। राजकोट मंडी में कीमतों में 10 रुपये प्रति 20 किलोग्राम की गिरावट हुई है। राजस्थान के रामगंज मंडी में धनिया की 1,500 बोरियों की आवक दर्ज की गयी। बादामी किस्म का भाव 5,800-6,000 रुपये और ईगल की किस्म 6,000-6,100 रुपये प्रति क्विंटल रही। (शेयर मंथन, 03 सितंबर 2020)
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