हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को पिछले दो महीनों से लगभग 5,700 रुपये के स्तर पर सहारा रहा है और इस जारी महामारी में मजबूत निर्यात के कारण कीमतें स्थिर है क्योंकि इसका औषधीय गुण शारीरिक प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप जैसे विदेशी बाजारों की ओर से इसकी माँग हो रही है और भारत बढ़ी हुई माँग को पूरा करने के लिए दुनिया में मसालों का सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा है। इस बढ़ते निर्यात को देखते हुये, आने वाले दिनों में कीमतों में 6,200-6,300 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
जीरा वायदा की कीमतों में कुल मिलाकर नरमी का रुझान है और इसलिए आने वाले दिनों में, प्रात्येक शॉर्ट कवरिंग के बाद बिकवाली होगी। अक्टूबर कॉन्टैंक्ट की कीमतों में 13,800 रुपये तक गिरावट हो सकती है, जबकि कीमतों को 14,000 रुपये के पास बाधा का सामना करना पड़ रहा है। कारोबारियों के अनुसार, ऐसा लगता है कि कीमतों में गिरावट के रुझान को देखते हुये किसानों स्टॉक रोक रहे है। लेकिन कारोबारियों के अनुसार अगले सप्ताह में आवक में बढ़ोतरी होगी क्योंकि किसानों को अगले महीने से शुरू होने वाली बुवाई के लिए वित्त की आवश्यकता होगी। इस मौसम में अच्छी मॉनसून के कारण मिट्टी में नमी की अच्छी उपलब्धता के कारण उत्पादन क्षेत्रों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 6,700-6,800 के दायरे में कारोबार कर सकती है। राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में धनिया की हाजिर कीमतें स्थिर हैं। रामगंज मंडी में बादामी किस्म 5,800-6,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही।
ईगल किस्म भी 6,000-6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर थी। गुजरात के राजकोट मंडी में आवक महज 400 बैग तक ही सीमित रही। बादामी किस्म का भाव 1,120-1,200 रुपये प्रति 20 किलोग्राम और ईगल किस्म का भाव 1,150-1,235 रुपये प्रति 20 किलोग्राम था। राजकोट में स्कूटर वेराइटी का भाव 1,185-1,285 रुपये प्रति 20 किलोग्राम था। (शेयर मंथन, 14 सितंबर 2020)
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