सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,850-3,950 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है।
कारोबारियों को अगले 15-20 दिनों में आवक दबाव रहने की उम्मीद है, क्योंकि फसल कटाई पूरे मध्य प्रदेश में होगी। अब तक माँग सुस्त है क्योंकि फसल में नमी की मात्रा 15-25% है जो मानक स्तर 10-12% से अधिक है।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 5,400-5,450 रुपये तक तेजी जारी रहने की संभावना है। इस महीने की शुरुआत में संशोधित उत्पादन आँकड़ा 69 लाख टन था, जिसमें से 52.15 लाख टन की आवक विभिन्न राज्यों के हाजिर बाजारों में हो चुकी है और 16.85 लाख टन अभी भी किसानों के पास हैं। 5.55 लाख टन के शुरुआती स्टॉक को ध्यान में रखते हुये, उपरोक्त आवक और 46 लाख टन की पेराई के बाद प्रोसेसर, स्टॉकिस्ट और नैफेड हैफेड के पास 11.70 लाख टन है। कुल मिलाकर, फसल का कुल शेष अभी भी लगभग 28.55 लाख टन है। बढ़ती घरेलू खपत और नयी फसल की आवक में 5-6 महीने की देरी और मिलों की ओर से प्रति माह 8 लाख टन की लगातार मांग को देखते हुये आने वाले दिनों में आपूर्ति में कमी हो सकती है।
सोया तेल (अक्टूबर) की कीमतों के 895-905 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है और सीपीओ (सितंबर) की कीमतें 763-770 रुपये के दायरे में स्थिर रह सकती है। शुक्रवार को जारी अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) की मासिक रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने में खराब मौसम के कारण पिछले अनुमान की तुलना में कम उत्पादन होने के अनुमान के बाद कारोबारियों के बीच सेंटीमेंट बेहतर हो गया है। चीन की ओर से मजबूत माँग के बावजूद यूएसडीए सोयाबीन निर्यात के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले चार हफ्तों से सोयाबीन तेल में नये लॉन्ग और शॉर्ट पोजिशन दोनों ही रहे हैं, और पिछले तीन सत्रों में पफंडों ने थोड़ी अधिक खरीदारी कर शुद्धि् खरीदारों के रूप में शामिल हो गये है। (शेयर मंथन, 14 सितंबर 2020)
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