हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है और यदि कीमतें 7,880 रुपये से नीचे टूटती है तो 7,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
बांग्लादेश में लॉकडाउन को 21 अप्रैल तक बढ़ाये जाने की ऽबर से भारत से निर्यात प्रभावित होने की आशंका है। इसके विपरीत, देश भर के प्रमुख मंडियों में बढ़ती आवक से भी कीमतों पर दबाव बढ़ेगा।
जीरा वायदा (मई) की कीमतों के 14,000-14,300 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है और बढ़त सीमित रह सकती है। महामारी की दूसरी लहर के बीच लॉकडाउन की चिंताओं के कारण हाजिर बाजारों में कमजोर माँग के साथ अधिक आवक हो रही है। दोनों प्रमुख उत्पादक राज्यों गुजरात और राजस्थान में नयी फसल की आवक होने लगी है। औद्योगिक अनुमानों के अनुसार निर्यात के लिए पूछताछ को देऽते हुये, अकेले मार्च में लगभग 15,000-20,000 टन का निर्यात करार किया गया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय खरीदार अभी भी अपने-अपने देशों में प्रतिबंधें के हटाये जाने के बाद कोविड की स्थिति को देख रहे हैं। कड़े प्रतिबंध से उपभोग प्रभावित होंगे, जिससे निर्यात माँग भी बढ़ेगी।
धनिया वायदा (मई) की कीमतों को 6,800 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है। ऐसी खबर है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने उद्यमियों और निर्यातकों से धनिया और अन्य प्रसंस्कृत उत्पादों जैसे कि धनिया टुकड़ा, पाउडर और धनिया तेल के निर्यात में जबरदस्त अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। इसके अलावा, इसने राजस्थान को अगला मसाला मैनुफैक्चरिंग और निर्यात केंद्र बनाने के लिए सभी विभागों से एकीकृत और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता को रेखाअंकित किया। हाल ही में, भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’ की सूची में कोटा जिले के लिए धनिया की पहचान की है। (शेयर मंथन, 20 अप्रैल 2021)
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