कॉटन वायदा (मई) की कीमतों के 20,250-20,950 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है।
कारोबारी माँग को लेकर स्पष्ट रुझान की प्रतीक्षा कर रहे है क्योंकि तत्काल आवश्यकता को पूरा करने के लिए कताई मिलों की ओर से सीमित मात्रा में खरीदारी हो रही हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मिलें प्रतीक्षा करने की स्थिति में हैं।
कॉटन सीड ऑयल केक वायदा (मई) की कीमतों में तेजी का रुझान है और कीमतें तेजी के रुझान के साथ 2,700-2,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। यूएसडीए के अनुमानों के अनुसार, सोयाबीन के अधिक उत्पादन और अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कारण कपास का उत्पादन क्षेत्र कम होने के कारण कॉटनसीड के उत्पादन में 3% की गिरावट की उम्मीद है। माँग पक्ष पर, पशु आहार उद्योग की ओर से लगातार माँग के कारण कॉटनसीडमील (ज्यादातर पशुआहार के लिए उपयोग किया जाता है।) सहित कुल मील की खपत में बढ़ोतरी का अनुमान है। इसके अलावा, समय के साथ, कपास का तेल अपने हल्के रंग, तटस्थ गंध और अन्य वनस्पति तेलों के साथ सम्मिश्रण विशेषताओं के कारण धीरे-धीरे गुजरात और महाराष्ट्र में स्वीकार्यता पा रहा हैं।
चना वायदा (मई) की कीमतों के 5,700-5,300 रुपये के दायरे में मजबूत होने की उम्मीद है, और बढ़त सीमित रह सकती है। सरकार ने मूल्य समर्थन योजना के तहत सात राज्यों के किसानों से 2020-21 (अप्रैल-मार्च) में लक्षित 3.25 मिलियन टन चना का लगभग 8% खरीदा है। इसके बावजूद, हाजिर बाजारों में चना की कीमतों गिरावट देखी जा रही है क्योंकि फिजिकल बाजारों में नयी फसल की आवक दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है क्योंकि किसान तालाबंदी की आशंका के बीच स्टॉकिस्टों की ओर से माँग समाप्त होने से पहले अपनी उपज को बेचने की जल्दी में हैं। दूसरी बात यह है कि त्यौहारों की माँग कम हो सकती है क्योंकि त्योहारों का समय लगभग समाप्त हो चुका है और लोग कोविड मामलों में वृद्धि के कारण बाहर खाने से परहेज कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 26 अप्रैल 2021)
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