बेहतर माँग के कारण कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों में 0.5% की बढ़ोतरी हुई है।
अब कीमतों के 37,400 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 38,000 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष दर वर्ष 76% अधिक हैं जबकि पिछले एक महीने में 11% बढ़ी है। सीसीआई के अनुसार, जनवरी 2022 तक बाजार वर्ष 2021-22 फसल की आवक 18.27 मिलियन गांठ होने का अनुमान है, जो 3 साल के औसत से 9% कम है। सीएआई ने 2021-22 सीजन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख बेल घटाकर के 348.13 लाख बेल (1 बेल 170 किलोग्राम का) कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जबकि घरेलू खपत में 10 लाख बेल की बढ़ोतरी हुई। यूएसडीए ने अपनी मासिक रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने के 28 मिलियन बेल से घटाकर 27.5 मिलियन बेल कर दिया है जबकि सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका में कपास के उत्पादन में 3. 61% की कटौती करके 17.6 मिलियन बेल कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल मामूली बढ़ोतरी हुई है। कीमतों में 6,000-6,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षों में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55% अधिक हैं। नवम्बर में ग्वारगम का निर्यात वर्ष दर वर्ष 33% बढ़कर 24.150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-नवम्बर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 44.4% बढ़कर 2.09 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड़ वायदा (फरवरी) की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई है और अब कीमतें 6,510-6,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर- वर्ष 49.8% अधिक है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान ने आरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन घटाकर 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात कम हुआ है। सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-दिसंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 16.5% की गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 09 फरवरी 2022)
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