हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 1% की गिरावट के साथ बंद हुई और कीमतों के 9,800-10,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
निर्यात माँग की उम्मीद से हल्दी की माँग में सुधार हुआ है। तेलंगाना में बेंचमार्क निजामाबाद बाजार ने लंबे सप्ताहांत के बाद आवक में तेज वृद्धि हुई है। निजामाबाद में, शुक्रवार को 10,000 बैग की तुलना में 40,000 बैग (1 बैग=65 किलोग्राम) आवक आंकी गयी थी। वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन की उम्मीद पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 33.7% अधिक हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों (अप्रैल-दिसम्बर) में, पिछले साल के मुकाबले 20.7% घटकर 1,16,400 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.8% अधिक है। मुनाफा वसूली के कारण जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में कल 21,200 रुपये के उच्च स्तर से गिरावट हुई है। अब कीमतों के 20,275-21,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 54% अधिक हैं। 2021-22 में, गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि
पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था और दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार उत्पादन पिछले वर्ष के 4 लाख टन की तुलना में 41% घटकर 2.37 लाख टन होने की उम्मीद है। राजस्थान में भी रकबे में लगभग 30% की गिरावट आयी है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 24% घटकर 1.74 लाख टन रह गया है, जो पिछले वर्ष 2.30 लाख टन हुआ था।
उच्च स्तर पर मुनाफ वसूली के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल गिरावट के साथ बंद हुई और कीमतों के 10,900 रुपये के रुकावट के साथ 10,450 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। सामान्य की तुलना में कम रकबे और उत्तर भारत में शीत लहर के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 64.5% अधिक हैं और जनवरी 2022 में 21.6% अधिक हैं। गुजरात में 24 जनवरी को धनिया का रकबा 1,25,444 हेक्टेयर है जो सामान्य क्षेत्र की तुलना में 145% है लेकिन पिछले साल के 1,41,004 हेक्टेयर से कम है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसम्बर की अवधि के दौरान निर्यात पिछले साल के 43,100 टन से 13% घटकर 37,500 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 10 फरवरी 2022)
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