कच्चे तेल में उच्च स्तर पर बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 4,840 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,760 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल में उच्च स्तर पर बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 5,120 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,040 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
तेल की कीमतें 2,780-3,200 रुपये की एक बड़े दायरे में कारोबार करना जारी रख सकती हैं, जहाँ उच्च स्तर बिकवाली देखी जा सकती है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी और बढ़ती आपूर्ति के कारण माँग में बढ़ोतरी को लेकर संदेह बना हुआ है।
कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना हैं और कीमतों को 5,120 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,040 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में उच्च स्तर से बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 4,700 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 4,580 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में आयी जबरदस्त तेजी का आज विमानन कंपनियों के शेयरों पर नकारात्मक असर पड़ता दिख रहा है।
कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,050 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 2,920 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,860 के स्तर पर अड़चन के साथ 2,710 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता की धीमी गति के साथ-साथ ओपेक और सहयोगियों द्वारा आपूर्ति को धीरे-धीरे बहाल करने की योजना पर टिके रहने के फैसले से कच्चे तेल की कीमतें एक साल से अधिक समय के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा सकती है। कीमतों को 5,470 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,390 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी कच्चे तेल की आपूर्ति के नवीनतम आँकड़ों के जारी होने से पहले और इस सप्ताह की ओपेक प्लस की बैठक पर व्यापारियों का ध्यान केंद्रित होने के कारण, कीमतें 6,428 रुपये के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद लगातार दूसरे साप्ताहिक गिरावट की अग्रसर है।
अमेरिकी नेतृत्व में प्रमुख उपभोक्ताओं की ओर कच्चे तेल का भंडार का जारी करने के बाद पहली तिमाही में वैश्विक स्तर पर आपूर्ति अधिशेष बढ़ने की चिंताओं और एक नये कोविड-19 संस्करण के प्रसार से निवेशकों के बीच भय से तेल की कीमतों में 4% से अधिक की गिरावट हुई।
अगस्त के अंत के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में सबसे अधिक साप्ताहिक बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि वैश्विक विकास और ईंधन की माँग पर ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के असर की चिंताओं के कम होने से कीमतों को मदद मिली।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना हैं और कीमतों को 3,040 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,780 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आयी जबरदस्त गिरावट से आज भारतीय विमानन कंपनियों के शेयरों में मजबूती दिख रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 14 महीने के निचले स्तर पर पहुँच गयी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल गयी हैं।
मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गयी।
Page 12 of 53
डॉनल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। जनवरी में उनका अगला कार्यकाल शुरू होगा। अमेरिका में 100 साल से ज्यादा समय में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई राष्ट्रपति एक चुनाव हारने के बाद वापसी करने में कामयाब हुआ है।
निवेश मंथन पत्रिका के डिजिटल संस्करण का नियमित ग्राहक बनने के लिए कृपया नीचे दिये हुए क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान करें और इस फॉर्म को भर कर सबमिट करें।