सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,080-3,110 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं।
बाजारों में तेजी का सेंटीमेंट है, क्योंकि कारोबारियों के अनुसार कम होती आपूर्ति और सरकार द्वारा कच्चे और रिफाइंड सोया तेल के आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण जनवरी के अंत तक कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। इस बीच सोपा के अनुसार 2017-18 (अक्टूबर-सितम्बर) में भारत का सोयाबीन निर्यात लगभग 2 मिलियन टन हुआ है, जो पिछले अनुमान से 0.5 मिलियन टन अधिक है। नवंबर के अंत तक देश में सोयाबीन का कुल स्टॉक पिछले वर्ष की समान अवधि के 2,48,000 टन की तुलना में 1,13,000 टन था। रिफाइंड सोया तेल वायदा (जनवरी) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 716 रुपये तक गिरावट हो सकती है। कमजोर माँग के कारण बेंचमार्क बाजार इंदौर में सोया तेल की कीमतों में गिरावट हुई हैं। थोक विक्रेताओं ने कम कीमतों पर खरीदारी करना शुरु कर दिया है। सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 555 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। अधिक कीमतों पर कम माँग के कारण बेंचमार्क कांडला बंदरगाह पर रिफाइंड पॉम ऑयल की कीमतों में गिरावट हुई हैं। जाड़े के दिनों में पॉम ऑयल के जम जाने के कारण थोक कारोबारियों द्वारा काफी कम खरीददारी की जा रही है। सरसों वायदा (जनवरी) की कीमतें 3,900-4,000 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती है। तेल मिलों की ओर से कमजोर माँग के कारण बेंचमार्क जयपुर बाजार में सरसों की कीमतों में गिरावट हुई हैं। पेराई मार्जिन कम होने के कारण मिलों की ओर से सरसों की माँग कम हो रही है। (शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2017)
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