सोयाबीन (मार्च) वायदा की कीमतें बढ़त दर्ज कर 3,950 रुपये की बाधा को पार कर सकती हैं।
आवक कम होने के कारण सोयामील की कीमतों में तेजी का रुझान है। कल सोयाबील की कुल आवक 0.4 लाख बैग (90 किलो ग्राम का एक बैग) की आवक हुई है। किसान और स्टॉकिस्ट अपने स्टॉक को बेचने के लिए 4,000-4,200 रुपये तक का भाव चाह रहे हैं। तब तक आपूर्ति में बढ़ोतरी होने की संभावना नही है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। जबकि आयात शुल्क बढोतरी के कारण सीपीओ (मार्च) वयादा के अब तक के उच्च स्तर 650-652 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। सरकार द्वारा खाद्य तेल पर आयात शुल्कों में बढ़ोतरी के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में तेजी का रुझान है। माँग में बढ़ोतरी के कारण कांडला बंदरगाह पर आरबीडी पॉमोलीन की कीमतें 60 रुपये प्रति 10 किलो ग्राम कम होने के कारण उपभोक्ता आरबीडी पॉम ऑयल को पसंद कर रहे हैं। मजबूत फंडामेंटल के अनुमान के बाद मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में तीन दिनों की गिरावट के बाद कल बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। कम उत्पादन अनुमान के कारण सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है। इसलिए कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी की जा सकती है। इसकी कीमतों में 4,300-4,330 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार सरसों का उत्पादन 3.87% की कमी के साथ 6.33 मिलियन टन होने के अनुमान से कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 07 मार्च 2018)
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