कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 21,720-21,970 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
नयी माँग के कारण गुजरात और मध्य प्रदेश के बाजारों में कपास की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कमजोर माँग के कारण दक्षिण भारत के प्रमुख हाजिर बाजारों में कीमतों में गिरावट हुई है। केवल जरूरतमंद मिलें ही कपास की खरीदारी कर रही है, जिनका स्टॉक समाप्त या कम हो गया है। लेकिन कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आने की स्थिति में भारतीय कपास निगम द्वारा खरीदारी शुरू किये जाने की संभावना से घरेलू कीमतों में गिरावट की संभावना है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,280-4,350 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 8,600-8,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान के बाजारों में ग्वारगम की कीमतों में गिरावट हुई है, लेकिन ग्वारसीड की कीमतें सपाट रही हैं। कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट और रुपये के मजबूत होने के बीच ग्वारगम का निर्यात कम होने से हाजिर बाजारों में ग्वारगम की कीमतों में तेज गिरावट हुई है। अमेरिकी तेल उद्योग द्वारा तेल की ड्रिलिंग के लिये नये विकल्प की तलाश कर लिये जाने के कारण ग्वारगम की निर्यात माँग कम हो रही है।
चना वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,600 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी बरकरार रहने की संभावना है। मध्य प्रदेश के इंदौर बाजार में सुस्त कारोबार के कारण देशी चना की कीमतें सपाट रही हैं। चना कटावाला की कीमतें 4,600-4,625 रुपये के दायरे में स्थिर रही हैं। (शेयर मंथन, 28 नवंबर 2018)
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,280-4,350 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 8,600-8,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। राजस्थान के बाजारों में ग्वारगम की कीमतों में गिरावट हुई है, लेकिन ग्वारसीड की कीमतें सपाट रही हैं। कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट और रुपये के मजबूत होने के बीच ग्वारगम का निर्यात कम होने से हाजिर बाजारों में ग्वारगम की कीमतों में तेज गिरावट हुई है। अमेरिकी तेल उद्योग द्वारा तेल की ड्रिलिंग के लिये नये विकल्प की तलाश कर लिये जाने के कारण ग्वारगम की निर्यात माँग कम हो रही है।
चना वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,600 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ तेजी बरकरार रहने की संभावना है। मध्य प्रदेश के इंदौर बाजार में सुस्त कारोबार के कारण देशी चना की कीमतें सपाट रही हैं। चना कटावाला की कीमतें 4,600-4,625 रुपये के दायरे में स्थिर रही हैं। (शेयर मंथन, 28 नवंबर 2018)
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