शॉर्ट कवरिंग के कारण सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 2.5% की उछाल दर्ज की गयी है। कीमतें 5,700 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,600-6,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
हमने पिछले सप्ताह से कीमतों में 7% की गिरावट हुई है क्योंकि नये सीजन में सोयाबीन मंडियों में पहुँचना शुरू हो गया है और थोक खरीदार आवक दबाव बढ़ने से पहले आक्रामक खरीद के लिए सतर्क हैं। आनुवंशिक रूप से संशोधित सोयामील का आयात और कच्चे और रिफाइंड सोया तेल के आयात शुल्क में कमी को भी कीमतों में गिरावट के मुख्य कारणों के रूप में देखा जा रहा है। भारत का सोयाबीन उत्पादन पिछले साल के 8.9 मिलियन टन की तुलना में 10 मिलियन टन होने का अनुमान है।
आरएम सीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतें 8,540 रुपये पर अड़चन के साथ 8,250-8,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। देशभर में सरसों की आवक बढ़ गयी है। कारोबारियों के मुताबिक मंडियों में सोयाबीन की नयी आवक शुरू होने से पेराई संयंत्रों की खरीद धीमी हो गयी है। दूसरी ओर शुल्क में कमी से खाद्य तेल के आयात में वृद्धि हुई है जिससे सरसों पर भी दबाव पड़ा है। लेकिन सरसों का स्टॉक काफी कम होने से कीमतों को 8,100 रुपये के स्तर से ऊपर समर्थन मिल सकता है। खाद्य तेल की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार हुआ। शुल्क वैल्यू में बढ़ोतरी और त्योहारी माँग में वृद्धि से कीमतों को समर्थन मिल रहा है। सितम्बर महीने में कम उत्पादन अनुमान और भंडार में कमी के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल 1% की बढ़ोतरी हुई है।
सोया तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,350 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,325-1,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 1,170 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,200 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 07 अक्टूबर 2021)
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