सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल मामूली गिरावट के साथ बंद हुई है। मुनाफा वसूली के कारण सीबोट में भी सोयाबीन की कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान सरकार द्वारा लगाई गयी स्टॉक सीमा से कीमतों की बढ़त सीमित हो रही है।
भारत में सोयाबीन की कीमतें इस वर्ष में अब तक 45% से अधिक है, क्योंकि भारत के कई किसान प्रोसेसरों को सोयाबीन बेचने के बजाय रोक कर रख रहे हैं। इसी तरह तेल मिल मालिक और स्टॉकिस्ट भी सोयाबीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में कम 15 लाख टन रही है। यूएसडीए की नवंबर की मासिक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन ने सरकार से 5,50,000 टन सोयामील के आयात की अनुमति देने का अनुरोध किया। विदेशी बाजारों में तेजी के रुझान पर खाद्य तेल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है। मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल 2% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है क्योंकि नवंबर के अंत में पॉम ऑयल का भंडार पिछले महीने से 3.5% फिसलकर 4 महीने के निचले स्तर 1.77 मिलियन टन रह गया। निर्यात 11.9% बढ़कर 1.59 मिलियन टन तक बढ़ने का अनुमान है। पॉम ऑयल और सोया तेल के शुल्क वैल्यू में अगले एक पखवाड़े के लिए एक बार फिर बढ़ोतरी की गयी है। उच्च शुल्क मूल्य से खाद्य तेल की कीमतों को मदद मिल रही है। एसईए के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,205-1,225 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतें 1,105-1,125 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 07 दिसंबर 2021)
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