कम आपूर्ति और रूस एवं यूक्रेन के बीच बढ़ते सामरिक तनाव के कारण पहले से ही कम आपूर्ति वाले बाजार में अधिक व्यवधन को लेकर चिंताओं से तेल की कीमतें सात वर्षो में पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुँच गयी है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों की व्याख्या के रूप में ब्याज दरों में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी के आक्रामक रूख के बाद इक्विटी जैसी अन्य जोखिम वाली संपत्तियों में गिरावट के साथ ही तेल की कीमतों की बढ़त भी कारोबार के बाद के सेट्ल्मेंट में कुछ कम हो गयी। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर हजारों सैनिकों को जमा कर दिया है, जिससे आक्रमण की आशंका बढ़ गयी है। ऊर्जा बाजार में कीमतें इस चिंता से बढ़ीं है कि यूरोप को रूस से गैस आपूर्ति बाधित हो सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि अगर रूस कार्रवाई करता है तो अमेरिका सुनिश्चित करेगा कि वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति बाधित न हो। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर व्यक्तिगत प्रतिबंध लगाने का विचार करेंगे। दूसरी ओर, यमन के हौथी विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात पर मिसाइलों से हमला किया। वैश्विक स्तर पर सामरिक तनाव ने पहले से ही कम ऊर्जा बाजार को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। ओपेक प्लस को मासिक उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने में परेशानी हो रही है क्योंकि 2020 में भारी कटौती के बाद बाजारों में आपूर्ति बहाल कर रहा है, और संयुक्त राज्य अमेरिका अपने दैनिक उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर से एक मिलियन बैरल कम उत्पादन कर रहा है। इस सप्ताह कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार जारी रह सकता है जहाँ कीमतें 6,300-6,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतें आखिरकार अपने महीने भर के सहारा स्तर से ऊपर की ओर बढ़ रही है। अमेरिका में अगले 6-10 दिनों तक मौसम सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है, लेकिन अगले 8-14 दिनों में यह औसत से अधिक ठंडा हो जायेगा। इस सप्ताह आगे कीमतों के 285-345 रुपये के दायरे में उच्च अस्थिरता के साथ कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 31 जनवरी 2022)