हाल के वर्षों में शेयर बाजार में चिंता के स्वर कभी इतने प्रखर नहीं रहे और गिरावट के अंदेशों को लेकर ऐसी आम राय देखने को नहीं मिली। लगभग एक सुर में जानकार कह रहे हैं कि इस साल की पहली छमाही और खास कर आने वाले कुछ महीने बाजार के लिए अच्छे नहीं रहने वाले हैं।
आगामी बजट बनाते वित्त मंत्री के सामने कई चुनौतियाँ हैं और इन चुनौतियों के चलते ही लोगों के मन में कई तरह की उम्मीदें भी हैं। क्या यह बजट विकास को तेज कर सकेगा, क्या लोगों को महँगाई की मार से बचाने में मदद कर सकेगा और क्या लोगों को थोड़े ज्यादा पैसे बचा पाने में मदद करेगा?