हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी की संभावना अभी बनी हुई है और 8,000-8,200 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
बाजारों में नयी सौजन की आवक के बीच बढ़ती माँग के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमत कल 20% की बढ़त के साथ बंद हुई और कॉमता को 9,980 रुपये पर अहम सहारा है और 10,700 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों को 7,650 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और शॉर्ट कवरिंग पर रोक लगी रह सकती है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,800 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में खरीद और कम आवक के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 2% की बढ़त दर्ज की गयी और अब कीमतों के 9,200 पर सहारा के साथ 9,650 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों के कारण हल्दी वायदा (मई) की कीमतों को 7,960 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 6,800 रुपये के स्तर पर सपोर्ट मिलने की संभावना है। हाजिर बाजारों से बेहतर रुझानों से कीमतों को मदद मिल सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,550-6,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की क्षमता है।
हाजिर बाजारों में स्थिरता के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 5,990 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है जबकि कीमतों की गिरावट पर रोगक लगी रह सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 6,300-6,350 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है, जो कम आवक के मुकाबले लगातार माँग के कारण मदद मिल रही है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतें 7,500-7,200 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,300-7,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!