हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,800 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
उत्तर भारत से माँग काफी कम होने के कारण इरोद के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है। घरेलू बाजारों में किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक के बीच माँग कम होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी नही हो रही है। किसान केवल मध्यम क्वालिटी की हल्दी ही बाजार में बिक्री के लिए ला रहे हैं। अच्छी क्वालिटी की हल्दी की आवक नही होने से भी कीमतों को मदद नही मिल रही है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 450 रुपये प्रति क्विंटल की और रूट वेरायटी की कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतें 6,919-8,174 रुपये क्विंटल हैं, और रूट वेरायटी की कीमतें 6,799-7,573 रुपये क्विंटल के दायरे में है। जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ 20,000 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। गुजरात के बेंचमार्क बाजार ऊझा और राजकोट में जीरे की कीमतों में 50 रुपये प्रति 20 किलो ग्राम बढ़ोतरी हुई है। धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,920 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। राजस्थान , मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रमुख बाजारों में कम कारोबार के कारण हाजिर कीमतों में नरमी का रुझान है। अधिक आवक के बीच कमजोर माँग के कारण धनिया की हाजिर कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में धनिया की बुआई शुरू होने से कारोबारी सावधान हो चुके हैं। राजस्थान में इस वर्ष धनिया के बुआई क्षेत्र में बढ़ोतरी होने की संभावना है। (शेयर मंथन, 15 नवंबर 2017)
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