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निप्पॉन इंडिया निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स फंड का एनएफओ : हेमेन भाटिया से बातचीत

निप्पॉन इंडिया निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स फंड (Nippon India Nifty Smallcap 250 Index Fund) का एनएफओ 28 सितंबर 2020 से 9 अक्टूबर 2020 के दौरान खुला है।

इस एनएफओ के पूरा हो जाने के बाद यह एक खुली अवधि वाले (ओपन एंडेड) फंड के रूप में खरीद-बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध रहेगा। इस फंड के बारे में निवेश मंथन ने बातचीत की निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के डिप्टी हेड - ईटीएफ हेमेन भाटिया से।

सबसे पहले यह जानना चाहेंगे कि इस फंड की खासियतें क्या हैं और कोई निवेशक इस फंड में क्यों निवेश करे?
इस फंड में निवेश के कई उचित कारण हैं। पहला - सेगमेंट एक्सपोजर। इस योजना का नाम है निप्पॉन इंडिया निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स फंड। इसका मतलब यह फंड निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स को बेंचमार्क मान कर चलेगा। इस फंड में निवेश के जरिये निवेशकों को बाजार पूँजीकरण के लिहाज से 251वें से 500वें शेयर यानी कुल 250 शेयरों में निवेश का मौका मिलेगा। इससे वे भारतीय शेयर बाजार की स्मॉलकैप श्रेणी में संपूर्णता के साथ निवेश कर पायेंगे।
दूसरा, यदि इसकी तुलना सक्रिय फंडों से करें तो इसमें जोखिम कम हो जाता है, क्योंकि आम तौर पर सक्रिय फंडों में फंड प्रबंधक क्षेत्रों का चयन करता है, शेयरों का चुनाव करता है, तो पूरा पोर्टफोलिओ फंड प्रबंधक के शोध के आधार पर चलता है। लेकिन चूँकि हमारा फंड एक इंडेक्स फंड है तो यह अपने बेंचमार्क सूचकांक के प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेगा। तो व्यवस्था से जुड़ा जोखिम इसमें कम हो जाता है।
तीसरा, जो भी निवेशक इसमें निवेश करता है, उसको साइज माइग्रेशन (शेयरों का आकार बढ़ने) का लाभ मिलेगा। इसमें निवेश के समय जो स्मॉल कैप शेयर हैं, वे शेयर जब मिड कैप शेयर बनेंगे तो निवेशक अपने इस निवेश के माध्यम से उनकी वृद्धि (ग्रोथ स्टोरी) में सहभागी बनेगा। एक बात और, यह फंड इंडेक्स फंड के रूप में है, ईटीएफ के रूप में नहीं है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाता जरूरी हो जाता है। यह खुली अवधि का फंड है और इसके लिए डीमैट खाता जरूरी नहीं है। इस फंड में सिप का मौका सीधे एएमसी के जरिये उपलब्ध कराया जायेगा। यह इंडेक्स फंड एक पैसिव फंड है और इसका व्यय अनुपात (एक्सपेंस रेश्यो) काफी कम होगा। यदि आप इसकी तुलना सक्रिय फंडों से करें, तो इसकी लागत काफी कम होगी।

अब यहाँ से यदि हम एक से तीन साल का नजरिया लें, तो खास तौर से स्मॉल कैप श्रेणी को लेकर आपकी राय क्या है? यहाँ से इसकी चाल किस तरह की रह सकती है?
ऐतिहासिक तौर पर देखें तो साल 2005 से 15 सितंबर 2020 तक अगर आप हर कैलेंडर साल का निफ्टी 100 (यानी दिग्गज शेयरों का समूह) और स्मॉल कैप इंडेक्स का रिटर्न देखते हैं तो जिस साल भी स्मॉल कैप सूचकांक का प्रदर्शन कमतर रहता है, तो उसके अगले साल उनमें वापसी की तेज उछाल आती है। साल 2006 के कमतर प्रदर्शन के बाद साल 2007 में इन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। यदि आप साल 2018 और साल 2019 में देखें, तो स्मॉल कैप इंडेक्स का प्रदर्शन कमतर रहा, फिर साल 2020 में इसने दिग्गज सूचकांकों के प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया है।

तो क्या इस समय जोखिम-लाभ अनुपात स्मॉल कैप के पक्ष में आ गया है?
जोखिम-लाभ अनुपात को देखने का एक नजरिया यह है कि आप सूचकांक के फ्री-फ्लोट की तुलना करें। यदि आप स्मॉल कैप 250 सूचकांक की तुलना निफ्टी 50 से करते हैं, तो जनवरी 2018 में स्मॉल कैप 250 सूचकांक का फ्री-फ्लोट निफ्टी 50 के फ्री-फ्लोट का मोटे तौर पर 12-13% था, जो अभी घट कर लगभग 9% हो गया है। इसका मतलब यह है कि स्मॉल कैप शेयरों में निवेश के लिहाज से जोखिम-लाभ अनुपात अनुकूल हो रहा है और यह निवेशकों के लिए लंबी अवधि के लिहाज से एक अच्छा मौका होगा।

यदि बाजार में कोई घबराहट आती है तो यह भी तो हो सकता है कि मूल्यांकन (वैल्युएशन) के मोर्चे पर स्मॉल कैप शेयर लार्ज कैप के नीचे फिसल जायें।
अगर वैल्युएशन के लिहाज से देखें तो एक लोकप्रिय मापदंड है प्राइस टू अर्निंग (पीई) रेश्यो। स्मॉल कैप इंडेक्स का पीई अनुपात चार साल पहले के 107 से घट कर अभी 32-33 के आसपास आ चुका है। तो यदि आप पीई अनुपात में गिरावट देखें तो इसमें इस दौरान लगभग 70% की गिरावट आयी है। इसका लंबी अवधि का पीई अनुपात 60 के आस-पास रहा है तो वहाँ से भी यह लगभग आधा हो चुका है। तो हम उम्मीद कर रहे हैं कि साल 2020 में चीजें बदलेंगी और स्मॉल कैप यहाँ से फिर से तेजी दिखायेंगे।

हर निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता अलग-अलग होती है। किस तरह के जोखिम प्रोफाइल वाले निवेशकों के लिए आपका यह फंड सही है?
जब निवेशक अपना पोर्टफोलिओ बनाता है, तो उसे अलग-अलग एसेट में निवेश करना चाहिए। इक्विटी के भीतर भी किसी निवेशक को केवल एक फंड में निवेश नहीं करना चाहिए, उसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंडों में अलग-अलग निवेश करना चाहिए। मेरे हिसाब से निवेशक को इक्विटी में निवेश का 10-15% हिस्सा स्मॉल कैप फंड में लगाना चाहिए।

यह पूरी बातचीत आप यहाँ देख सकते हैं - 


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(शेयर मंथन, 7 अक्टूबर 2020)

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