भारत की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा कंपनी विप्रो (Wipro) के शुद्ध मुनाफे में अप्रैल-जून तिमाही में कमी आयी है।
पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कंपनी का शुद्ध मुनाफा इस बार 6.7% घट कर 2,059 करोड़ रुपये रहा है। अप्रैल-जून 2015 में इसने 2,207.4 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल किया था। हालांकि इस दौरान कंपनी की कामकाजी आमदनी (ऑपरेटिंग रेवेन्यू) साल-दर-साल 10.7% बढ़ोतरी के साथ 13,697.6 करोड़ रुपये पर पहुँची है।
जुलाई-सितंबर 2016 के लिए कंपनी ने जो अनुमान (गाइडेंस) सामने रखा है, उसके मुताबिक इसे इस तिमाही के दौरान आईटी सेवाओं से 193.1 से 195 करोड़ डॉलर तक की आमदनी हो सकती है। अप्रैल-जून 2016 में विप्रो को आईटी सेवाओं से 193.1 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई है।
कामकाजी मार्जिन (ओपीएम) के मोर्चे पर कंपनी ने इस बार निराश किया है। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर इसमें 1.90% अंक की कमी दर्ज की गयी है। जहाँ जनवरी-मार्च 2016 में कंपनी का आईटी सेवाओं से प्राप्त मार्जिन 19.7% रहा था, वहीं अप्रैल-जून 2016 में यह घट कर 17.8% रह गया है। अप्रैल-जून तिमाही में आईटी सेवाओं से कंपनी का मुनाफा साल-दर-साल 3% घट कर 23.3 अरब रुपये रहा है। इस दौरान आईटी उत्पादों से कंपनी को 5.9 अरब रुपये की आमदनी हुई है।
बीती तिमाही में कंपनी ने अपने साथ 951 कर्मचारी जोड़े और 30 जून 2016 को इसके आईटी कर्मचारियों की संख्या 1.73 लाख पर पहुँची।
एंजेल ब्रोकिंग की वीपी रिसर्च - आईटी, सरबजीत कौर नांगरा का कहना है कि कारोबारी साल 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान मुनाफे के मोर्चे पर कंपनी ने अनुमान से कमतर प्रदर्शन किया है। जहाँ तक ग्राहकों को जोड़ने का प्रश्न है, कंपनी ने केवल 50 ग्राहक जोड़े, जो मुख्यतः 2 करोड़ डॉलर या इससे कम वाले थे। एंजेल ब्रोकिंग ने कंपनी के शेयर पर ‘खरीदें’ की राय बरकरार रखी है, लेकिन इसने इस शेयर का लक्ष्य भाव संशोधित करने का निर्णय लिया है।
बीएसई में आज कंपनी का शेयर 0.47% कमजोरी के साथ 549.40 रुपये पर बंद हुआ। इससे पहले यह आज ऊपर की ओर 553.35 रुपये और नीचे की ओर 545 रुपये तक गया। (शेयर मंथन, 19 जुलाई 2016)
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