हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों के 7,100-7,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में सुस्त कारोबार के कारण हल्दी की कीमतों में स्थिरता है। जरूरत के कारण कारोबारियों ने खराब क्वालिटी की हल्दी की भी खरीदारी की है। घरेलू और निर्यात माँग को पूरा करने के लिए देश में हल्दी का पर्याप्त स्टॉक है। जब तक कोई बड़ी माँग नही होती है तब तक कीमतों में नरमी का रुझान बना रहा सकता है। जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 18,800 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। पिछले सीजन में जीरे की अधिक कीमतें मिलने के कारण मौजूदा सीजन में गुजरात और राजस्थान में जीरे के उत्पादन क्षेत्र में 8-10% बढ़ोतरी का अनुमान है। इसके अतिरिक्त बुआई के लिए पैसे की जरुरत के कारण किसान अपने स्टॉक को बाजार मे बेचने के लिए ला सकते हैं। धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,150 के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है, क्योंकि हाजिर बाजारों में धनिया का स्टॉक है जबकि घरेलू और निर्यात माँग काफी कम है। राजस्थान में धनिया की बुआई नवंबर के पहले हफ्ते से शुरु होने की संभावना है। धनिया की कीमतों का रुझान अब बुआई की प्रगति पर निर्भर करेगा। पिछले कुछ हफ्तों से कमजोर माँग और अधिक आपूर्ति के कारण इलायची वायदा (नवंबर) की कीमतों में 900 रुपये तक गिरावट हो सकती है। (शेयर मंथन, 03 नवंबर 2017)
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