कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी रुझान के साथ 955-960 के स्तर पर पहँचने की संभावना है।
महाराष्ट्र के कुल उत्पादन क्षेत्र में 42.06 लाख हेक्टेयर के 20% क्षेत्र में किसानों की फसल की क्वालिटी गुलाबी कीटों के प्रकोप से बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस कारण पिछले सीजन की तुलना में उत्पादन क्षेत्र में 10.4% की बढ़ोतरी के बावजूद उत्पादकता में 10% कमी होने की आशंका है। और कुल उत्पादन 372 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर के अनुमान की तुलना में केवल 336 किलो ग्राम हेक्टेयर रह जाने की आशंका है। इस प्रकार कुल उत्पादन कमोवेश पिछले वर्ष के बराबर लगभग 83 लाख बेल ही रह जाने का अनुमान है। चना वायदा (दिसंबर) कीमतों में 4,650-4,600 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। चने की बुआई क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण कीमतों में नरमी का रुझान बाधित हुआ है। कृषि मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार 22 नवंबर तक देश भर मे चने की कुल बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 16% बढ़कर 7.3 मिलियन हेक्टेयर में हुई है। मिट्टी में कम नमी को देखते हुए किसान गेहूँ के बजाय चना का अधिक खेती कर रहे हैं। गेहूँ वायदा दिसंबर की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 1,655-1,685 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सरकारी गोदामों में पर्याप्त कैरीओवर स्टॉक है और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मार्च 2018 तक देश में 0.5-0.6 मिलियन टन गेहूँ का आयात किया जा सकता है। इसके साथ ही कारोबारी अत्यंत सतर्क हैं और बुआई की प्रगति पर पैनी नजर रखे हुए है। मौजूदा रबी सीजन मे अभी तक गेहूँ की बुआई में 20% की तेजी गिरावट दर्ज की जा रही है। सरकार ने नवंबर में खुले बाजार में 2,30,750 टन गेहूँ की बिक्री की है। (शेयर मंथन, 01 दिसंबर 2017)
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