कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,020-1,050 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं।
खरीदारों की ओर से अच्छी क्वालिटी के कपास की अधिक माँग के कारण कीमतों में तेजी का सेंटीमेंट है। अधिकांश खरीदार अच्छी क्वालिटी के कपास की कमी और 2017-18 सीजन में अधिक कीमतों की आशंका से खरीदारी कर रहे हैं। इस सीजन में गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में गुलाबी कीटों के प्रकोप से कपास की उत्पादकता और उत्पादन दोनों ही प्रभावित हुए है। इन सभी राज्यों के कृषि विभागों ने किसानों को गुलाबी कीटों के प्रकोप से प्रभावित कपास की फसल को नष्ट करने का आदेश दिया है। चना वायदा (मार्च) कीमतों के तेजी का रुझान के साथ 4,150-4,300 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। केन्द्र सरकार द्वारा चना और मसूर पर तत्काल प्रभाव से 30% आयात शुल्क लगाये जाने के कारण बाजार का सेंटीमेंट बेहतर हो गया है। इस स्तर पर सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों से नयी आवक शुरु होने से बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ सकता है। राज्य में पहले बोई गई वेराइटी की आवक बाजार में होने लगी है, जबकि चने की अधिक आवक जनवरी-फरवरी में होती है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मौजूदा सीजन में चने का उत्पादन क्षेत्र पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.7% बढ़ कर 9.62 मिलियन हेक्टेयर हो जाने का अनुमान है। कॉटन ऑयल सीड केक वायदा (जनवरी) की कीमतों में 1,800 के स्तर पर सपोर्ट के साथ तेजी दर्ज किये जाने की संभावना है। स्टॉकिस्टों और पशु आहार निर्माताओं की ओर से कॉटन ऑयल सीड केक की लगातार अधिक माँग के कारण हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। महाराष्ट्र और तेलंगाना में गुलाबी कीटों के प्रकोप से कपास बीजों की उपलब्ध्ता कम होने की आशंका से भी कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 26 दिसंबर 2017)
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