सोयाबीन वायदा (अप्रैल) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 3,690 रुपये से ऊपर ही कारोबार कर सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयामील की माँग कमजोर है, लेकिन अर्जेटिना के सोयामील की कीमतों से अंतर कम होते जाने के कारण निर्यात माँग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। रॉटरडम में भारतीय सोयामील की कीमतें 495 डॉलर प्रति टन है, जबकि अर्जेटिना के सोयामील की कीमत 435 डॉलर प्रति टन है। लेकिन चिंता की बात यह है कि सोयाबीन की पेराई मार्जिन 418 रुपये प्रति टन होने के बावजूद सोयामील की कमजोर माँग के कारण पेराई मिलों की ओर से सोयाबीन की माँग उत्साहजनक नही है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतें 775-785 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं। इसका कारण यह है कि सोया तेल की खरीदारी उत्साहजनक नही है, जिससे किसी बड़ी बढ़त पर रोक लगने की संभावना है।
सीपीओ वायदा (अप्रैल) की कीमतें 649-654 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं। आगामी दिनों में सीपीओ की कीमतों में किसी अधिक बढ़त की संभावना नही है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल का फंडामेंटल नरम है। मार्च में मलेशियन पॉम ऑयल के उत्पादन में वृद्धि से सेंटीमेंट पर दबाव रहने की संभावना है। सामान्य तौर पर दूसरी तिमाही में पॉम ऑयल के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और तीसरी तिमाही में अधिकतम होती है। घरेलू बाजार में तापमान में बढ़ोतरी होते जाने के कारण पॉम ऑयल की माँग कम होती जा रही है। सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 3,960 के स्तर पर सपोर्ट रह सकता है और तेजी का रुझान रहने की संभावना है। राज्य सरकारों द्वारा सरसों खरीद की घोषणा के बाद किसानों ने निजी कारोबारियों को सरसों बेचना बंद कर दी है और सरकारी एजेंसियों को ही अपना उत्पाद बेचना चाहते हैं। (शेयर मंथन, 02 अप्रैल 2018)
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