हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,500 रुपये से टूट कर 6,400-6,350 रुपये तक फिसल सकती है।
मौजूदा फंडामेंटल और फसल रिपोर्ट को देखते हुए छोटी अवधि में हल्दी की कीमतों पर दबाव रह सकता है। निर्यात माँग काफी कम है और हाजिर बाजारों में नयी फसल की बढ़ती आवक के कारण कारोबारी कीमतों में आगे भी गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त इरोद का हाजिर बाजार 9 अप्रैल को और निजामाबाद, सांगली और बसमतनगर का हाजिर बाजार 2 अप्रैल को खुलेगा। जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है। यदि इसकी कीमतें 14,400 रुपये के सपोर्ट स्तर से नीचे टूटती हैं तो फिर इसमें 14,250 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं। वर्तमान समय में घरेलू और निर्यात माँग काफी कम है और गुजरात एवं राजस्थान में अधिक उत्पादन क्षेत्र के कारण कारोबारी कीमतों की बढ़त पर रोक बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त स्टॉकिस्ट भी बाजार से दूरी बनाये हुए हैं, क्योंकि वे अधिकतम आवक सीजन के दौरान कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 4,970-5,070 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में घरेलू और निर्यात माँग बहुत उत्साहजनक नही है और बाजारों में धनिया की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए कारोबारी कीमतों में आगे भी गिरावट की उम्मीद कर रहे है। इलायची वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 10,410-1,060 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। एसएमसी ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि इलायची की कीमतों में बढ़त पर रोक लगी रहने की संभावना है। केरल और तमिलनाडु के नीलामी केन्द्रों पर नरमी का सेंटीमेंट हैं। (शेयर मंथन, 02 अप्रैल 2018)
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