हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में 6,800 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से हल्दी की बुआई में बढ़ोतरी होने और उत्पादन अधिक होने के अनुमान से सेंटीमेंट कमजोर हो गया है। मराठवाड़ा और सांगली के उत्पादन क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है जिसके कारण हल्दी की बुआई की रफ्तार बढ़ी है। इस वर्ष जलगांव, धुलिजा, जालना, औरंगाबाद, अकोला और कुछ अन्य जिलों में हल्दी की बुआई पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। तेलंगाना में 27 जून तक हल्दी की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि की 9,641 हेक्टेयर की तुलना में 10,858 हेक्टेयर में हो चुकी है।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 18,350-18,750 रुपये के दायरे में साइडवेज रहने की संभावना है। पिछले तीन महीने से हाजिर बाजारों में जीरे की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है क्योंकि भारतीय रुपये के कमजोर होने और अन्य देशों में कम उत्पादन के कारण भारत से निर्यात माँग अधिक होने से कीमतों को मदद मिल रही थी। लेकिन अब अधिक कीमतों पर माँग कम हो रही है और आगामी हफ्तों में कीमतों में गिरावट हो सकती है।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,620-4,720 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। प्रमुख हाजिर बाजारों में धनिया की आवक लगातार कम हो रही है क्योंकि किसान खेती पर अधिक ध्यान दे रहे है। जिन किसानों के पास स्टॉक है वे कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से स्टॉक रोक कर रखे हुए हैं, जिससे अच्छी क्वालिटी की धनिया की कमी हो सकती है। दूसरी ओर बारिश का सीजन होने से आयातित धनिया पाउडर में नमीं शुरू हो गयी है, इसलिए कारोबारी धनिया की खरीदारी कम कर रहे हैं। (शेयर मंथन, 16 जुलाई 2018)
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