सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है।
सोयाबीन की कीमतें 3,365 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 3,450-3,500 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। कारोबारियों और पेराई मिलों की ओर से लगातार माँग के कारण देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में तिलहन की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
विश्व बाजार में भारतीय सोयामील के निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद से निर्यातक सोयाबीन की खरीदारी कर रहे हैं, जबकि बेहतर मुनाफे की उम्मीद से स्टॉकिस्ट भी खरीदारी कर रहे हैं। कारोबारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में हाजिर बाजारों में सोयाबीन की कीमतें 3,500 रुपये के स्तर पर पार कर जायेगी और इसलिए थोक खरीदारी हो रही है।
सरसों वायदा (दिसंबर) में बिकवाली का दबाव बरकरार रहने की संभावना है और भारत से चीन को सरसोंमील के निर्यात की संभावना काफी कम होने के कारण कीमतें 4,125-4,100 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
सोया और पॉम तेलों की सस्ती उपलब्धता के कारण सरसों तेल की माँग कम होने से पेराई मिलों की ओर से सरसों की माँग काफी कम हो गयी है। घरेलू और विदेशी खरीदारों की ओर से सरसोंमील की माँग में भी सुस्ती रहने की संभावना है। उपभोक्ता केन्द्रों की ओर से प्रोसेस्ड उत्पादों की माँग काफी कम होने से सरसों की पेराई में भी इस महीने गिरावट होने की संभावना है।
सीपीओ (नवंबर) वायदा में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 564-562 रुपये तक लुढ़क सकती है। जाड़े के दिनों में पॉम तेल के जम जाने से माँग कम होने और मलेशियन पॉम ऑयल में नरमी के रुझान से कीमतों पर दबाव रह सकता है। मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में 2,009-2,122 रिंगित के सहारा स्तर तक गिरावट हो सकती है। (शेयर मंथन, 05 नवंबर 2018)
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