सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों की बढ़त पर रोक लगने की संभावना है।
सोयाबीन की कीमतों को 3,475 रुपये के नजदीक बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
कम आवक के बीच सोयामील की बेहतर घरेलू माँग के कारण हाजिर बाजारों में सोयाबीन का बेहतर कारोबार हुआ है। बेंचमार्क इंदौर बाजार में सोयाबीन की कीमतें 50 रुपये की बढ़त के साथ 3,100-3,300 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। रॉटरडम में भारतीय सोयामील की कीमत 402 डॉलर प्रति टन है, जो अर्जेटिना के सोयामील की कीमत 357 रुपये डॉलर प्रति टन की तुलना में 45 डॉलर महँगा है। इसलिए सोयामील की निर्यात माँग अच्छी नहीं है।
सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतों को 4,120 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में 4,190 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। पिछले 3-4 हफ्तों से सरसों तेल की औसत माँग हो रही है, लेकिन आगामी दिनों में खपत में बढ़ोतरी होने की संभावना है। जाड़ें के दिनों में उत्तर भारत में सरसों तेल की माँग अक्सर बढ़ जाती है।
सीपीओ (नवंबर) वायदा कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 540-538 रुपये तक लुढ़क सकती है। जाड़े के दिनों में पॉम तेल के जम जाने से माँग कम होने के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। मलेशियन पॉम ऑयल के बढ़ते उत्पादन और कम होते निर्यात के बाद बढ़ते भंडार के दबाव से बीएमडी में सीपीओ की कीमतों में गिरावट जारी है। (शेयर मंथन, 13 नवंबर 2018)
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