सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,385-3,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के कारण सोयाबीन के प्रमुख आयातक चीन द्वारा अब भारत से सोयाबीन का आयात किये जाने की संभावना है। बढ़ती माँग को पूरा करने के लिये चीन ने हाल ही में भारत से सरसों, कच्ची चीनी और गैर-बासमती चावल के आयात को मंजूरी दे दी है।
सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है और कीमतों को 4,115 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। मौजूदा रबी सीजन में सरसों की बुआई में बढ़ोतरी की संभावना और सुस्त माँग के कारण कल राजस्थान के प्रमुख बाजारों में सरसों की कीमतों में गिरावट हुई है। 9 नवंबर तक देश भर में सरसों की बुआई 6% पिछड़ी हुई थी, जो अब रिकवरी करने के बावजूद पिछले वर्ष के 44.46 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2% की कमी के साथ 43.44 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है।
सीपीओ (दिसंबर) वायदा कीमतों के 500-510 रुपये के दायरे में सीमित में कारोबार करने की संभावना है। प्रमुख उत्पादक देश इंडोनेशिया और मलेशिया में पॉम ऑयल के बढ़ते भंडार के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉम ऑयल की कीमतों में नरमी का रुझान है। जाड़े के दिनों में पॉम ऑयल की माँग कम हो जाने के कारण भंडार में बढ़ोतरी होती है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में कल तीन वर्ष से अधिक के निचले स्तर पर गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 22 नवंबर 2018)
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