हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,500 रुपये के नजदीक सहारे के साथ 6,800 रुपये तक चढ़ सकती हैं।
आवक में बढ़ोतरी के बावजूद इरोद के हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी का रुझान है। आगामी दिनों में कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से स्टॉकिस्ट हल्दी की खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। वर्तमान समय में पुरानी हल्दी की तुलना में नयी हल्दी की माँग अच्छी है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में फसल को अभी भी थोड़ी बारिश की आवश्यक्ता है, अन्यथा उत्पादकता प्रभावित हो सकती है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों के 16,700-17,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कम आवक के कारण राजस्थान और गुजरात के बाजारों में जीरे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। आगामी दिनों में जीरे की फसल की स्थिति भी एक अहम कारक होगी, क्योंकि जीरे की फसल को विकास के प्रत्येक चरण में खरपतवार की समस्या का सामना करना पड़ता है। जीरे का कैरीओवर स्टॉक भी 2,00,000-3,00,000 बैग (1 बैग 55 किलो ग्राम का) रहने का अनुमान है, जो 5,00,000 बैग की संभावना से कम है। नयी फसल की आवक फरवरी में शुरू होगी।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों में बढ़त जारी रहने की संभावना है और कीमतें 6,850 रुपये के स्तर को पार कर सकती हैं। लेकिन इस दौरान उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कीमतों में गिरावट 6,500 रुपये तक सीमित रह सकती है। मौजूदा सीजन में उत्पादन में कमी की आशंका और बाजार में फसल की आवक होने तक कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है। धनिया की नयी फसल की आवक फरवरी के मध्य में होगी, जबकि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में खड़ी फसल कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार है। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2019)
Add comment