एमसीएक्स में कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों के 20,500-21,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कमजोर वैश्विक रुझानों और मौजूदा सीजन में आपूर्ति में कमी की संभावना के कारण पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। डॉलर के कमजोर होने और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार करार की उम्मीद से आईसीई में अमेरिकी कॉटन मार्च वायदा की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर चीन धागों की खरीदारी नहीं कर रहा है, जिसके कारण आपूर्ति कम नहीं हो रही है और भुगतान की प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 4,250-4,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों के 8,400 रुपये के ऊपर कारोबार करने की संभावना है। निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण निवेशकों द्वारा नयी पोजिशन बनाये जाने से ग्वारगम की कीमतो में रिकवरी हुई है। कारोबारियों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में ग्वारगम की निर्यात माँग बेहतर है।
नाफेड द्वारा लगातार बिकवाली जारी रखने के कारण चना वायदा (मार्च) की कीमतों में 4,150 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। लेकिन निचले स्तर पर खरीदारी से इंकार नही किया जा सकता। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार नाफेड ने 10 जनवरी तक लगभग 4.69 लाख टन चना बाजार में बेचा है। नाफेड ने कई राज्यों से 27.22 लाख टन चने की खरीदारी की थी। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2019)
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 4,250-4,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतों के 8,400 रुपये के ऊपर कारोबार करने की संभावना है। निर्यात माँग में बढ़ोतरी के कारण निवेशकों द्वारा नयी पोजिशन बनाये जाने से ग्वारगम की कीमतो में रिकवरी हुई है। कारोबारियों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में ग्वारगम की निर्यात माँग बेहतर है।
नाफेड द्वारा लगातार बिकवाली जारी रखने के कारण चना वायदा (मार्च) की कीमतों में 4,150 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है। लेकिन निचले स्तर पर खरीदारी से इंकार नही किया जा सकता। नवीनतम आँकड़ों के अनुसार नाफेड ने 10 जनवरी तक लगभग 4.69 लाख टन चना बाजार में बेचा है। नाफेड ने कई राज्यों से 27.22 लाख टन चने की खरीदारी की थी। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2019)
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