सोयाबीन वायदा (फरवरी) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,620-3,740 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कमजोर वैश्विक रुझानों और पेराई मिलों के पास सरप्लस स्टॉक के कारण मध्यम से छोटी अवधि में कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। मौजूदा तेल वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) की पहली तिमाही में सोयामील सहित अन्य सोया उत्पादों का निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि के 6.90 लाख टन की तुलना में 2.3% की गिरावट के साथ 6.74 लाख टन हुआ है।
सरसों वायदा (फरवरी) की कीमतों में 3,800 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। प्रमुख सरसों उत्पादक क्षेत्रों में मौसम के अनुकूल होने के कारण इस वर्ष सरसों की उत्पादकता में बढ़ोतरी होने की संभावना है। उत्पादन क्षेत्रों में 2% की बढ़ोतरी के कारण इस वर्ष सरसों का उत्पादन पिछले वर्ष के 63.8 लाख टन की तुलना में 66 लाख टन होने का अनुमान है।
सीपीओ वायदा (जनवरी) की कीमतों के 541-547 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर एसोसिएशन के अनुसार भारत में दिसंबर 2018 में वनस्पति तेलों का कुल आयात दिसंबर 2017 के 10,88,783 टन की तुलना में 11% की बढ़ोतरी के साथ 12,11,164 टन हुआ है। अमेरिकी सोया तेल की कीमतों में गिरावट और पॉम ऑयल उत्पादन में अनुमान से कम गिरावट के बाद बीएमडी में पाम ऑयल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी है।
सोया तेल के कम आयात के कारण रिफाइंड सोया तेल फरवरी वायदा की कीमतें 758 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। दिसंबर 2018 में सोया तेल का कुल आयात नवंबर 2018 के 2.03 लाख टन की तुलना में 58% की गिरावट के साथ 85,000 टन हुआ है। (शेयर मंथन, 17 जनवरी 2019)
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